🛕 अयोध्या – रामजन्मभूमि की दिव्य नगरी
"बंदउँ अवध पुरी अति पावनि। सरजू सरि कलि कलुष नसावनि॥"
(रामचरितमानस, बालकाण्ड, दोहा 15-चौपाई 1) – गोस्वामी तुलसीदास अयोध्या की वंदना इन शब्दों में करते हैं, जिसका अर्थ है "मैं अति पवित्र अयोध्यापुरी को प्रणाम करता हूँ, जो कलियुग के पापों का नाश करने वाली सरयू नदी से सुशोभित है।"
अयोध्या वास्तव में सिर्फ एक प्राचीन शहर नहीं, बल्कि सदियों से आध्यात्मिकता, श्रद्धा और संस्कृति का केंद्र रही है। यह उत्तर प्रदेश के अयोध्या ज़िले में सरयू नदी के किनारे बसी हुई नगरी विश्व के प्राचीनतम सतत् बसे स्थानों में से एक मानी जाती है। इसका संस्कृत नाम "अयोध्या" का अर्थ ही "अजेय" (जिसे कोई युद्ध में जीत न सके) है। हिंदू धर्मग्रंथों में अयोध्या को भगवान विष्णु के अवतार भगवान राम की जन्मभूमि होने के कारण चारों युगों से परम पावन और मोक्षदायिनी नगरी के रूप में महिमामंडित किया गया है।
मुख्य विशेषताएं
- स्थान: उत्तर प्रदेश, सरयू नदी के तट पर
- महत्व: भगवान राम की जन्मभूमि
- ऐतिहासिक महत्व: सूर्यवंशी राजाओं की राजधानी
- धार्मिक महत्व: सात पवित्र नगरियों में से एक