भगवान राम की नगरी के पवित्र धार्मिक स्थल | सम्पूर्ण मंदिर सूची और विवरण
अयोध्या केवल एक नगर नहीं, बल्कि धर्म और आस्था का महान केंद्र है। यह पवित्र नगरी भगवान श्री राम की जन्मभूमि होने के साथ-साथ अनगिनत प्राचीन और पवित्र मंदिरों का घर भी है। प्रत्येक मंदिर अपने आप में एक अनूठी कहानी, इतिहास और आध्यात्मिक महत्व समेटे हुए है।
सरयू नदी के पवित्र तट पर स्थित यह नगरी हजारों वर्षों से भक्तों की आस्था का केंद्र रही है। यहाँ के प्रत्येक मंदिर में रामायण काल की स्मृतियाँ जीवित हैं। राम जन्मभूमि से लेकर हनुमानगढ़ी तक, कनक भवन से लेकर नागेश्वरनाथ मंदिर तक - प्रत्येक स्थान पर भगवान राम और उनके परिवार की दिव्य उपस्थिति का अनुभव होता है।
इस पृष्ठ पर आपको अयोध्या के सभी प्रमुख मंदिरों की विस्तृत जानकारी मिलेगी - उनका इतिहास, धार्मिक महत्व, स्थापत्य कला और दर्शन का समय। आइए, हम आपको ले चलते हैं अयोध्या की इस पवित्र धार्मिक यात्रा पर।
📿 शास्त्रों के अनुसार अयोध्या यात्रा का पारंपरिक क्रम:
सबसे पहले पवित्र सरयू नदी में स्नान करके शुद्धि करें
फिर भगवान राम की जन्मस्थली का दर्शन करें
अंत में अन्य पवित्र मंदिरों का दर्शन करें
💡 सुझाव: सरयू घाट से शुरुआत करके धीरे-धीरे अन्य मंदिरों की ओर बढ़ें। इससे आपकी यात्रा अधिक सुखद और शास्त्रीय होगी।
भगवान राम की जन्मस्थली - अयोध्या का सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण मंदिर
राजा दशरथ का महल - राजपरिवार की स्मृतियों का स्थान
राम के अश्वमेध यज्ञ स्थल - काले पत्थर की राम-सीता प्रतिमा
हनुमान जी का प्राचीन और शक्तिशाली मंदिर - 76 सीढ़ियों पर स्थित
काले पत्थर से निर्मित - अद्भुत वास्तुकला
माता कैकेयी द्वारा सीता को दिया गया स्वर्ण महल - राम-सीता का मंदिर
माता सीता की पवित्र रसोई - कनक भवन के पास स्थित
सरयू नदी के तट पर लक्ष्मण का पवित्र स्थल
कुश द्वारा स्थापित शिव मंदिर - अयोध्या का प्राचीनतम मंदिर
गोस्वामी तुलसीदास जी की स्मृति में निर्मित - रामचरितमानस का केंद्र
अयोध्या के प्रमुख मंदिरों की झलकियाँ — दर्शन से पहले दृश्य यात्रा का अनुभव करें
राम के स्वर्गारोहण स्थल - सरयू तट
सुग्रीव किला स्थल - पहाड़ी दुर्ग
गोस्वामी तुलसीदास स्मारक
नंदीग्राम में स्थित - भरत का मंदिर
सरयू स्नान घाट - पवित्र स्नान स्थल
विभीषण का तीर्थ - पवित्र कुंड
जहां राजा दशरथ ने महर्षि वशिष्ठ की सलाह पर ऋषिश्रिंग की मदद से पुत्रकामेक्षी यज्ञ किया था
जहाँ रामायण के सभी 24 हज़ार श्लोक दीवारों पर अंकित हैं
बालाजी हनुमान मंदिर - शक्ति स्थल